दिया जल गया..
दिया जल गया..
दीया जल गया , रात होने को हो गई
मैं रह गया, एक बात कहने को कही गई
छुप जाता हूं , नदी बनकर समुंदर में
मैं बंद हो गया, एक बात सुनने को कही गई
जो नहीं था , वो बन गया था मैं
मैं छुप गया, एक बार ढूंढने की ख्वाहिश रखी गई
किताबों में मेरा घर था, सो भीगना भी आसान था
मैं बस गया, एक छोटी सी किराये की बात रखी गई
चल रहा हूं मैं , एक कलम बनकर
मैं रुक गया, एक मुझसे कभी खत्म न हो ऐसी किताब लिखने को गई
ढूंढ रहा हूं मैं, एक जुगनू बनकर
मैं बुझ गया, एक मुझसे अपनी परछाईं खोजने को कहीं गई
खो गया हूं मैं, एक लेखककार बनकर
मैं भूल गया, एक कलम मुझको अनजान बना गई
सो गया हूं मैं, एक ख्वाब बनकर
मैं rajdip बन गया, अपनी मां की गोद में दोनों आंखे सो गई