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Rajdip dineshbhai

Fantasy Others

4  

Rajdip dineshbhai

Fantasy Others

खिड़की

खिड़की

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उन पुराने रास्तों पर जाना बंद कर दिया अब 

वहाँ सिर्फ आँखों का जाना होता है लेकिन पैर अब भी वहीं स्तब्ध है जहां वो पुरानी सड़क खत्म होती है, 


किसी से सुना है की वहाँ आज भी 

लगी हुई चार दीवारों के बीच एक खिड़की खुली रहती है 


जाने कौन देखता है किसकी राह को 

सुना है तूफ़ानों मे भी वो खिड़की 

चुप नहीं होती बोलती रहती है


आज देखता हूं की वो रास्ते नए हो रहे है 

और कोई खबर लेके आया है की घर वो 

पुराना और पुरानी वो खिड़की इंतजार करती रहती है


सुना है आज भी वहाँ से लहसून के पत्ते 

उड़ते रहते है और वो संकेत है की आज भी खिड़की खुली रहती है 


रोज वहाँ खत्म होती सड़कों पर खड़ा रहकर 

किसीसे पूछ लेता हूं की क्या कोई खबर?

जी नहीं, पर हाँ वो खिड़की शक रोज पैदा करती है 


बहुत साल गुजर चुके बाद मे फिर से एक दिन पूछता हूं क्या कोई खबर? जी हाँ, वहां कोई नहीं रहता, पर वो खिड़की इंतजार में रहती है वो खिड़की खुली रहती है


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