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Damyanti Bhatt

Classics Others

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Damyanti Bhatt

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हिमालय

हिमालय

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विमल भावना भर मन में

संदेश भेजा हिमालय ने 

हर जन तक उसकी महिमा पहुंचानी है 

वह माने या ना माने 

हिमालय की गरिमा को मत भूलो

योगी की क्षमता है उसमें 

भोगों में मत भूलो

बस अपना निर्वाह कर लेते हो

बस इससे ज्यादा क्या पाओगे 

देवभूमि के देवदूत हिमालय को 

तुम क्यों बिसराओगे 

अब तो अपनी गरिमा के अनुरूप 

बुनो ताने-बाने

 विमल भावना भर मन में

 संदेश भेजा हिमालय ने 

आज कसौटी पर मानव को

 परख रही है मानवता 

मानव में कितनी मानवता रही है 

रिश्ता मानवता का मान बढ़ाना 

देखें किसको आता है 

कौन दिखाता प्यार ऊपरी 

किसका सच्चा रहता है 

सबकी कठिन परीक्षा होगी 

अब जाने या अनजाने

विमल भावना भर भाषा में 

संदेश भेजा हिमालय ने

मानव विज्ञान सीख गया है 

भूल शिष्टाचार 

यह तो बस पहली सीढ़ी है 

कौन सिखाए सदाचार 

जब संस्कारमय जीवन होगा

तब मानव सुख पायेगा 

हिमालय के पुत्रों सिवा तुम्हारे 

कौन सिखाने आएगा 

हिमालय के रक्षण हित बन जाओ तुम दीवाने 

विमल भावना भर मन में

संदेश भेजा हिमालय ने 

देव भूमि की संतानों ने हरदम फर्ज निभाया है

संस्कृति का अभ्यास कर दुनिया को सिखाया है

दानवता से त्रस्त उसको आज बचाना है 

संस्कारों की परंपरा को जन-जन तक पहुंचाना है 

देगा वरदान अनोखे युग दूतों को मनमाने

 विमल भावना भर मन में 

संदेश भेजा हिमालय ने

भारत की शान है

वेदों का गान है

करुणा का आगार है

सुख दुख का आधार है

शिव गौरा का निवास है

जीता जागता इतिहास है



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