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Damyanti Bhatt

Classics

3  

Damyanti Bhatt

Classics

एहसास

एहसास

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स्मृतियों के मंदिर

विरह की आरती

मन निर्भय न शांत

बस अपना ही दुख

अपनी ही पीडा

अधरों से छूने और

दांत चुभोने मैं

भले हुनर एक जैसा हो 

एहसास एक नही होता है।



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