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Anup Kumar

Inspirational

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Anup Kumar

Inspirational

दृष्टि पुष्प के प्रति

दृष्टि पुष्प के प्रति

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पुष्प भले मुरझा जाएं पर, सुरभि बिखेरते ही रहते हैं।

जीवन में सद्कर्म किए जो, स्मृति में जिंदा रहते हैं ।

तुम जो चाहो यदि जीवन को कुछ ऐसे ही सफल बनाना।

प्रेरणा पा सूखे सुमनों से, पुष्प वृत्ति को तुम अपनाना ।

गुल की खुशबू कभी भी गुल से गुल न हो सकती है।

मुरझाए भी गुल की खुशबू फिजा में घुल सकती है ।

खिला रहे या मुरझाए गुल, सदा पराग महकता रहता।

देह भले अतीत हो जाए, आत्म तत्त्व शाश्वत हो रहता ।


साहित्याला गुण द्या
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