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Balaram Barik

Inspirational Thriller

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Balaram Barik

Inspirational Thriller

मणिकर्णिका

मणिकर्णिका

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मैं मनु हूं, मैं छबीली हूं और मैं मणि कर्णिका हूं।


मैं सिर्फ एक महिला नहीं, मैं भारतीय महिला केंद्रित

समाज का प्रतीक हूं जो काशी से झांसी तक 

विजय ध्वज फहराई है।


मैं सीता और द्रौपदी का मेल हूं ...

मैं लक्ष्मी हूं।

मैं एक नए भारत की पहचान हूं।


हे फिरंगी शासकों, आप कौन हैं यह तय करने वाले ...

आप कौन हैं इस मिट्टी का मोल लगाने वाले ...

यह झाँसी लोगों की है और यह मणि झाँसी की है।


मुझे कमजोर मत समझो .…

अबला तो बिल्कुल भी नहीं।।

सुन दामोदर ...

मेरे सीने से तुझे लपेटे लेता हूँ।

तू सुन मेरे शत्रुओं के

गर्दन कटने के भयंकर शब्द ।

डरना नहीं मेरे लाल..

हम शिव के संतान हैं...

सबको शव बनाएंगे।


अरे ओ....गोरों

शेरनी की दहाड़ से कितने दूर भागोगे।

सुनो इस मिट्टी के गद्दारों।

हरामखोरों ...

मेरे रक्त से अनेक मनु पैदा होगी।

लड़ेगी...मारेगी .…

तोड़ेगी पराधीनता के कड़ी।

सर कट जाए तो सही ...

गुलामी हमें कबूल नहीं।।


जय शिवानी।

जय भवानी।



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