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ବଳରାମ ବାରିକ

Tragedy

5.0  

ବଳରାମ ବାରିକ

Tragedy

टूटता भारत

टूटता भारत

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१५ अगस्त आता है।

देश विभाजन की कहानी सुनाता है।

जहाँ जन्मा था भक्त प्रहलाद

वह "मुलता" ,"मुलतान" बन गया है।

ठीक है..….।


"कुसपूर" से "कुसूर",

"लवपुर" से "लाहौर" हुआ है।

जहाँ अर्जु देब,सुकदेब, राजगुरु

हकीकर राय जी बलिदान दिए हैं

यहाँ भगत सिंह फाँसी पे लटक गये।

ठीक है......।


"कटाख्य राज" से "काटसराज"

"जशोहर" को बदल के "बैसोर"

किया गया है।

"ब्रम्ह देश"से "मियांमार"

"गांधार" ,"कान्दहार" बन चुका है।

"मान सरोवर" और "कैलाश"

चीन कब्जा किया है।

ठीक है .....।


वह कौन थे "महापुरुष"

जो अपने "अखंड भारत" तुड़वाये।

परिस्थिति के आड़ में

माँ के इज्जत लुटवाये।

उदारवादी बनगए

देश को बर्बाद कर गये ।

ठीक है ......।


आज भी भारत को टुकड़े

करने वाले डटके खड़े है।

मानववादी "रोहिंग्या" के

प्यार में पड़े हैं।

उनकी नज़र में,

भारत की सेना गुंडा हैं।

ठीक है....।।


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