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Balaram Barik

Tragedy

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Balaram Barik

Tragedy

सोचता हूँ नेता बन जाऊँ

सोचता हूँ नेता बन जाऊँ

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इसकी टोपी उसके सर 

पहनाने का महारत हासिल 

करना सीख लिया हूँ।


भाई-भाई के बीच में लड़ाई 

करवाना जान लिया हूँ।

धर्म के नाम पे लोगों को तोड़ने

की कला हासिल कर लिया हूँ।


दंगा फसाद करना तो मेरा 

बाएं हाथ का काम् है

कानून तोड़ने का काम

रग रग में समा लिया हूँ।


सरकारी जमीन हड़पना

कोई मुझसे आकर सीखे

गांजा चरस का व्यापार भी

खुले आम कर सकता हूँ।


दो नंबरी के कारोबार से 

मुझे सुकून मिलता है।

नंगा करके चन्दा पब्लिक से

अछे से बटोर लेता हूँ।


नेता बनने का सारा 

इम्तहान पार कर चुका हूँ।

अब संभलती नहीं बेताबी

सोचता हूँ नेता बन जाऊँ।


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