तु धुरंधर
तु धुरंधर
विश्व मान् रहा हे उन्हें बड़े कद् के नेता।
भारत, देने को तैयार और एकबार उन्हें सत्ता।
मिसाल हैं वह जीता जागता ....
वह बनाएंगे भारत को दुनिया का विजेता।
वह लगे हैं मिटाने ,भारत से सभी कुप्रथा।
मित्रों के परम मित्र,वह शत्रुओं के हंता।
जल् रहा था गुजरात् वह आग्. को बुझाया था।
प्रश्न वाण्.ना कर सका घायल् उत्तर महजूद् था।
श्री नगर क आकाश् में तिरंगा गाता ,उड़ता ।
लहराये उसे शान् से जो असम्भब सा लगा था।
घोर् तपस्या में डूबे रहे,हिमालय के पवित्रता।
भारत माँ के पुकार ने राजनीति में बुलाया था।
देश के लिए मर मिटने को घर परिवार छोड़ा था ।
लोटा-कम्बल साथी है ,सर उठा के वह जीता।