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Navya Agrawal

Thriller Others

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Navya Agrawal

Thriller Others

लेके आंखों में पानी

लेके आंखों में पानी

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ले के आंखों में पानी, सुन ले विनती हमारी - 2

करना बेटी पे अपनी उपकार मां

मिले ममता की छाया, संग बाबुल का साया

ना मन से तू मुझको बिसार मां

करना बेटी पे अपनी उपकार ओ मां

ले के आंखों में पानी.....

१)

जग में आने से पहले ही जगदम्बे

मिलती है क्यूं इस जग से विदाई मां

मिलती है क्यूं इस जग से विदाई

आती है बेटी, बन के नसीबा

फिर भला क्यूं अभागी बनाई मां

फिर भला क्यूं अभागी बनाई

बेटी को फटकारते, जीते जी मारते

मिले ऐसी ना फिर, दुत्कार मां

दुत्कार मां

करना बेटी पे अपनी उपकार तू मां

ले के आंखों में पानी.......

२)

बनके लक्ष्मी है जाती जिस घर में

उस घर में वो मान को तरसे मां

उस घर में वो मान को तरसे

सितम करते है दिन रात उस पर

अंखियों से रह रह के नीर है बरसे मां

अंखियों से रह रह के नीर है बरसे

ताने वो मारते, दहेज भी मांगते

मारे ना कोई बहु को जलाकर मां

जलाकर मां

करना बेटी पे अपनी उपकार मां

ले के आंखों में पानी.......

३)

गूंजती थी हंसी अंगना में

अब तो चीखें सुनाई है देती मां

अब तो चीखें सुनाई है देती

रोके, बिलख के, तड़प के बेटी बोले

क्यों इस जग में बनाई है बेटी मां

क्यों इस जग में बनाई है बेटी

इज्ज़त को लूटते, जिस्म को नोचते

कभी हो ना कोई बलात्कार मां

बलात्कार मां

करना बेटी पे इतना उपकार मां - 2

ले के आंखों में पानी.....

ले के आंखों में पानी, सुन ले विनती हमारी - 2

करना बेटी पे अपनी उपकार तू मां - 2

मिले ममता की छाया, संग बाबुल का साया

ना मन से तू मुझको बिसार मां

करना बेटी पे अपनी उपकार ओ मां

ले के आंखों में पानी.....



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