तू सुन रही है ना मां
तू सुन रही है ना मां
मां....... मां........
तू सुन रही है ना मां?
यहां वहां मत ढूंढ मुझे,
कोख से आती आवाज,
तू सुन रही है ना मां?
नही आना....
नही आना मुझे इस दुनिया में,
अपनी कोख में रहने दे ना मां!
घूमते है हर ओर इंसानी भेड़िए,
मुझे भीतर ही छिपे रहने दे ना मां!!
लगता है डर
लगता है डर इन दरिंदो से मुझे,
ये नोंचते है मेरे कोमल जिस्म को मां!
नन्ही सी..नादान हूं मै..
नन्ही सी, नादान हूं मै, फिर भी,
क्यों नही आता इन्हे मुझपे रहम ओ मां?? - 2
नहीं खेलना
नही खेलना मुझे गली मोहल्ले में,
आंचल में अपने सिमटे रहने दे ना मां!
बैठा है वो मुझपे वहशी निगाहें डाल,
मुझे तेरे भीतर ही समा लेने दे ना मां!! - 2
बेटी होना अभिशाप है इस जहां में, - 2
ना कोई दलीलें काम आती है अब मां!
तू कितना भी तड़पे.. रोए.. चीखें..
तू कितना भी तड़पे, रोए, चीखें
इस दुनिया में अब मेरा वजूद नहीं है मां!! - 2
थक चुकी हूं न्याय की भीख मांगते,
सुकून से मुझे अब सो जाने दे ना मां!
बेटी शब्द भी गाली है जिस जग में,
उसका हिस्सा मुझे मत बनने दे ना मां!! - 2
पौते की चाह में दम घोंटते थे मेरा,
आज भी वही मोह दिखाओ ना दादी मां!
पौते की चाह में दम घोंटते थे मेरा,
आज भी वही मोह दिखाओ ना दादी मां!
कराओ ना मेरा लिंग परीक्षण
कराओ ना मेरा लिंग परीक्षण पहले,
मुझे अपने गर्भ में ही मार गिराओ ना मां!!
मुझे अपने गर्भ में ही मार गिराओ ना मां!!