अनकही बातें
अनकही बातें
कुछ अनसुनी बातें,
जो आज सुनाना जरूरी है।
कुछ अनकही बातें,
जो आज कहना जरूरी है।।
कुछ ख्वाहिशें मेरी,
जो आज बताना जरूरी है।
कुछ उम्मीदें है मेरी,
जिन्हें आज जताना जरूरी है।।
नाज करे जो मेरी हर जीत पर,
मेरी हार में भी मेरे साथ खड़े हो।
जरूरत है मुझे ऐसे पिता की,
जो मेरे सपनों में मेरी उड़ान बने हो।।
डरना नही तू कभी किसी से,
हर मुश्किल में मेरे साथ खड़ा हो।
देख ना पाए कोई नज़र उठाके,
मेरा भाई, मेरा पहरेदार बना हो।।
यूं तो पूर्ण हूं मैं स्वयं में, मगर फिर भी,
जिंदगी में एक साथी की जरूरत है।
चले जो उम्रभर साथ मेरे हर कदम,
मुझे एक ऐसे हमराही की जरूरत है।।
संभाल सकती हूं घर बार तो मैं खुद ही,
संभाल सके जो अच्छे बुरे वक्त में मुझे।
समझे जो मेरे दुःख दर्द को अपना,
एक ऐसे हमदम की जरूरत है मुझे।।
नजरों में देख सकूं मैं इज्जत जिसके,
मेरी मुस्कुराहटों का जो पिटारा हो।
करें कद्र मां के बलिदान की हमेशा,
चाहिए एक बेटा जो मां का सहारा हो।।
नहीं चाहती काली बनना,
एक सुरक्षित सा माहौल मिले।
जीना है अन्नपूर्णा बनकर,
जीवन सरल खुशहाल मिले।।
बने ना बेड़ी कभी पैर की रिश्ते,
हर नारी को ऐसा परिवार मिले।
मिले स्वतंत्र और खुला आसमां,
खुशियों से परिपूर्ण संसार मिले।।