STORYMIRROR

Navya Agrawal

Classics Others

4  

Navya Agrawal

Classics Others

मां की चुनरिया

मां की चुनरिया

2 mins
369

आंख में कजरा, बाल में गजरा

बिंदिया जो लगाई रे

देख के तेरी छवि निराली

मन मेरा हर्षाए रे

हाथ में कंगना, पांव में बिछिया

नथनी जो लगाई रे

देख के तेरी छवि निराली

मन मेरा हर्षाए रे

ओए ओए ओए

मां की चूनरिया लहराए - 2

मईया प्रेम की छा बरसाए

मां की.....................बरसाए

कोई ये तो बताए तेरा दर है कहां पे

कोई ये तो बताए मां का दर है कहां पे

मन भेंटे तेरी ही गाए

जय मां

मां की चूनरिया लहराए

मईया प्रेम की छा बरसाए

१)

तेरे दरश को हर पल मेरी

आंखें तरसी जाए

कब दोगी तुम दर्शन मैया

नव्या राह निहारे

सनन सनन सनन सनन

तेरे दरस...................निहारे

कोई ये तो बताए तेरा दर है कहां पे

कोई ये तो बताए मां का दर है कहां पे

भक्त खड़े अरदास लगाए

जय मां

मां की चूनरिया लहराए

मईया प्रेम की छा बरसाए

चुनरी चुनरी, मां की चुनरी चुनरी

२)

सतरंगी सी चूनर मां की

मांग सिंदूर सुहाए

नौरात्रि में दर्शन देने

मईया धरती पे आए

कोई ये तो बताए तेरा दर है कहां पे

कोई ये तो बताए मां का दर है कहां पे

पावन मां की ज्योत जगाए

जय मां

मां की चूनरिया लहराए

मईया प्रेम की छा बरसाए

आंख में कजरा, बाल में गजरा

बिंदिया जो लगाई रे

देख के तेरी छवि निराली

मन मेरा हर्षाए रे

हाथ में कंगना, पांव में बिछिया

नथनी जो लगाई रे

देख के तेरी छवि निराली

मन मेरा हर्षाए रे.


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics