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Deepika Raj Solanki

Abstract

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Deepika Raj Solanki

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हमारा हिंदुस्तान

हमारा हिंदुस्तान

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ये जलता, टूटता हिंदुस्तान हमारा,

दुख देता है यह नज़ारा,

कौन है वह? जो तोड़ता है प्यार का बंधन हमारा

सदियों से जिस देश ने,

गंगा-यमुना तहज़ीब निभाई,

जिस के हर मंदिर- मस्जिद से एक ही आवाज आई


"हम सब हैं भाई -भाई",

जिसने 'वसुधैव कुटुंबकम् 'की परिभाषा बतलाई,

उस देश के दिल में, किसने खून की नदियां बहाई,

किसने यह रंगों का फेर चलाया,

केसरिया मेरा-हरा तेरा बतलाया,

भाई को भाई से लड़ वाया,

समझ नहीं यह खेल है आया,


जो देश इंसानियत का पाठ है पढ़ाता,

हर मज़हब को अपने में समाता,

क्यों वह आज दंगों से थरथराया,

कुछ मुट्ठी भर दानवों से घबराया,

इनसे हमको अब मुक्ति पानी,

दोषित इन दानवों को देश से भगाना है,

हम सब एक हैं, इनको यह समझाना है,


यह देश है हमारा, दुनिया को बतलाना है,

मिलकर सबको देश का परचम आसमान में लहराना है,

हम सब भारतीय हैं बस यही गीत गुनगुनाना है।


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