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Sirmour Alysha

Abstract

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Sirmour Alysha

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“ एक तस्वीर ”

“ एक तस्वीर ”

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एक तस्वीर में तड़पता ख़्वाब देखा

 गुमनाम मुस्कुराहट में दर्द ताब देखा

 फ़लसफ़े एहसास कुछ हुआ

अश्क़ से पिघलते तस्वीर आब देखा

  

तस्वीर से सजा वो दिवार चमकता देखा

फेरू जो हाथ उन पर तूझे रूठता देखा

ऐ काश की महसूस कर सकूं

महज तस्वीर है तू तो दूर से बैठता देखा


टुकड़ो के डर से मैंने सम्भाल के रखा

हमेशा अपनी दिल के जमाल में रखा

दरार भी न पड़े तस्वीर में

मोहब्बत के रंग से तेरा ख़्याल रखा


कभी बंद आँखों से साफ नक़्श देखा

शर्मशार बेगानो से बचा एक अक़्स देखा

मुरझाए है सुर्ख़ी हर कोरो से

इन प्यासी लबों पे उस्तवार शख़्स देखा।



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