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Sirmour Alysha

Romance Classics Fantasy

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Sirmour Alysha

Romance Classics Fantasy

दिलचस्प नज़ारा

दिलचस्प नज़ारा

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दिलचस्प मंज़र, बारिश से हसीन होगा

तुम मिले जहां वो दिल का ज़मीं होगा

रोम रोम में बहता हर बूंद

जमाने भर की खुशियां न अब नमी होगा,

ढ़ल जाऊँ साँचे सी दिलबर में

एक जान में अब न अलग रवानी होगा,

कोरी निग़ाहों में विराने हे सब


सौंधी बरसातों में इश्क़ अनसुनी होगा,

हवाओं में फिरे दिवानगी मेरी

सुरमई आंखों से आज कुछ नमकीं होगा,

बरस रही फलक से बेशूमारी बहत

मुद्दत बाद रुख़सार भीगी भीगी होगा,


हो गए तमाम राख़ सुनहरे इंतज़ार में

ज़िंदगी का मोजिज़ा तो कभी कभी होगा,

न आसमां न अरमां बड़ी

दूर कहीं मुख़्तसर जहाँ दिलकशीं होगा,

कतरा कतरा सुहाना ये छटा


रिमझिम सा घनघोर घटा शबनमी होगा,

मंद आवाज़े बारिशों में भी ख़ामोशी

गुदगुदी एहसास धड़कन मदहोशी होगा,

लेखन के लय-साज़ में आतिश ही आतिश

छलक न जाए कहीं हर बूंद भी तो तरशा होगा,


हाथों में हाथ साथ हमारी सरगम रहें;

ये नज़राना हू-ब-हू और उल्फ़त का नशा होगा,

कि लम्हा रातों का समा सुहाना सा

मंज़र बारिशों का हसीन बेतहाशा होगा।


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