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Sirmour Alysha

Abstract Inspirational

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Sirmour Alysha

Abstract Inspirational

‘ लिखना चाहूं .....'

‘ लिखना चाहूं .....'

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लिखना चाहूं........ मैं खुद की बेजबानी।


लिखना चाहूँ दर्द तो अश्क उभर पड़े, 

पढ़ना चाहूँ कुछ हर्फ़ तो पन्ने भीग पड़े,


सोचना चाहूँ शेर तुझपर तो ख़्यालों में खो पड़े, 

रोकना चाहूँ कुछ लफ़्ज़ तो सवालों में रो पड़े,


लिखना चाहूँ कुछ दास्ताँ तो कल आज बन पड़े, 

पढ़ना चाहूँ अबसार आईनों में तो पलकें बेचैन हो पड़े,


करना चाहूँ शोक मय्यत में तो रूह बेज़ार हो पड़े, 

डुबना चाहूँ जज़्बात में भी तो बेज़ुबां हम हो पड़े,



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