दिल में एक तहखाना
दिल में एक तहखाना
‘दिल में एक तहखाना है’
जिससे तेरा दिल भी बेगाना है,
टूट रखा है सब बिखरा सा मयखाना है,
आहिस्ता तमाम मसले जज्बातें तेरे गवारा है,
लम्हा लम्हा साथ तुझको दरमियान अब सजाना है,
रूख मोड़ लूं गुज़रे पल के स्याह गर्दिशों से...
बोल दूं सभी को देरी ना करूं यादों का ज़माना है,
मुस्कुराते इल्म में मेरे दर्द बेवफाओं का जनाजा है,
अकेली तन्हा कमरों में ना अब अश्क़ कभी...
फ़कत तेरे मोहब्बत तेरे ख्यालों का फ़साना है,
जागीर हे इस तहखाने का तू....तू ही मेरा दीवाना है,
तू समाया है अब इस क़दर कि मिज़ाज आशिक़ाना है ।।