मै कुछ करनेवाला नहीं
मै कुछ करनेवाला नहीं
तुने कयूंँ न नज़र मिलाई मेरे साथ,
अब मै नजर कभी मिला पाउंगा नहीं।
तुने क्यूंँ न दिल मिलाया मेरे साथ,
अब मेरा दिल कभी धडकनेवाला नहीं।
तुने क्यूंँ न मुलाकात की मेरे साथ,
अब मैं तुझको कभी मिलनेवाला नहीं।
तुने क्यूँ गेहरी की चाल चली मेरे साथ?
अब मै तेरी चाल में कभी फंसनेवाला नहीं।
तूने क्यूँ इश्क में दूरी बनाई मेरे साथ?
"मुरली" मेरा कफ़न दूरी मिटा पायेगा नहीं।
रचना:-धनज़ीभाई गढ़ीया "मुरली" (ज़ुनागढ)

