आंखें थकती नहीं
आंखें थकती नहीं
सजग प्रहरी बन गई, सीमा पर टकटकी,
दुश्मनों को ढूंढती, देखे जो सोचती सही,
नींद भरे नयन है, पर मजाल क्या छिपते,
अनवरत देखती रहे,ये आंखें थकती नहीं।
पहाड़ों पर बर्फ जमी, दूर तक वर्षा कहीं,
फूलों की खुशबू में लगे,आंखें वहीं टिकी,
पेड़ों के आलिंगन में,चूम लेती नभ दूरियां,
ये आंखें थकती नहीं, माथे पर पड़े झूरियां।
आंखें थकती नहीं, देखती व्योम के नजारे,
अपना कोई मिल रहा, लग रहे सुंदर प्यारे,
टकटकी लगा देखती, नृत्य करते राजदुलारे,
दूर कोई अपना होता, ये आंखें उसे पुकारे।
सुबह होती भोर देखे, शाम के सुंदर नजारे,
वादियों में दूर तक, बिखरे पड़े कई नजारे,
प्रेमी युगल देखती, करती तब आंखें इशारे,
आंसुओं से भीगती, दर्द में जब दिल पुकारे।
जीवन से मृत्यु तक, नयन क्या क्या देखती,
अच्छी बातें याद रखती, बुरी को वो फेंकती,
ये आंखें थकती नहीं, जीवन पर्यंत निहारती,
देश की भलाई खातिर, उतारती सदा आरती।
कभी शोला बन फूंकती,कभी शबनम बनती,
कभी दर्द में कराहती, कभी काजल में ठनती,
कभी दरियां सी लगती, नीली कटार उतारती,
दुश्मन का नाश करे वो, नाग से फुफकारती।
बच्चे की आंखों में है, मां का अनमिट प्यार,
शर्म भरी आंखों में भरा, पत्नी सम वो दुलार,
आंखें गरीब की ढूंढती, भोजन का हो सहारा,
निर्बल असहाय आंखें, देखती दर्द का नजारा।
सैनिक की आंखों में , देशप्रेम की ललक है,
गोली बारूद के ढेर पर, दे रही वो सबक है,
भारत माता की गोदी, वीर देशभक्त पुकारती,
मौत के मंजर में आंखें, हर जन को निहारती।
आंखों की गहराई की, थाह लगाना मुश्किल,
प्यार की गहराई को, मापना बड़ा नामुमकिन,
ये आंखें थकती नही, पल में जाये आसमान,
कभी अपने मिले उसे तो, लेती तब पहचान।
ये आंखें थकती नहीं, कोई डूबा हो दर्द में,
काम वासना भरी हो, सपने देखती मर्द में,
आंखों पर कवि लिख गये, भेद ना पाया है,
इन आंखों के पैमाने ने,ये संसार रचाया है।
ये आंखें थकती नहीं, मौत जब तक आएगी,
हरी भरी वादियों में जा,सुंदर सपने सजाएगी,
पार नहीं पाया कभी, आंखों में भरे जब राज,
शहीदों की आंखों पर, देश को होता है नाज।।