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Satish Chandra Pandey

Romance Classics

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Satish Chandra Pandey

Romance Classics

हवा उड़ा कर ला रही है

हवा उड़ा कर ला रही है

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कहीं बहुत दूर से

हवा उड़ा कर ला रही है

प्यारी सी सुगन्ध किसी फूल की।


निराली सुगन्ध

नासिका के भीतरी

इन्द्रिय स्थान पर,

अपनी उपस्थिति का

नया अहसास करा रही है।


पवित्र सी सुगंध

वासनारहित अपनेपन का,

प्रकाश जगा रही है।

निस्वार्थ स्नेह से जीने का

पाठ पढ़ा रही है।


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