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Jyoti Astunkar

Abstract Classics

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Jyoti Astunkar

Abstract Classics

मॉर्निंग टी !

मॉर्निंग टी !

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उस एक घूंट में भी क्या मज़ा होता है,

पीते ही एक अलग शक्ति का भास होता है,


गरमा गरम, भाप निकलता वो प्याला,

सुबह सुबह, जो मिलने आता, वो वाला,


अपने रंगों के पेलेट में उसको, 

टी कलर का शेड, कहते हम जिसको,


सुबह का पहला प्याला है वो,

सबका बहुत दुलारा है जो,


पीते ही जिसको ताज़गी का एहसास हो,

ना पीयो तो, कुछ कमी का आभास हो,


बिस्किट और टोस्ट, देते है साथ,

जब मिल बैठते है हम उस प्याले के साथ,


सूखे कुरकुरे से ये दोनों दोस्त,

जब मिल जाते हैं उस प्याले से,


बन जाते हैं रसीले और नर्म से,

कर जाते हैं खुश, हमें उस स्वाद से,


चाय की सुबह की चुस्की ऐसे,

नींद भरी आंखों में ताज़गी जैसे,


बस एक चुस्की गरम चाय की,

और फिर शुरू बाते गुड मॉर्निंग की !


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