कोई तो होगा
कोई तो होगा
आती तेरी यादों को..
मैं शायरी में लिखता हूँ,
मेरे दर्द को पढने वाला,
दोबारा कोई तो होगा
आती सुहानी शामो को...
मैं यही सोच सजता हूँ,
मुझ शिद्दत से देखने वाला ,
दोबारा कोई तो होगा
आती बेचैन दर्दो को ..
मैं अंदर महफुज रखता हूँ,
अपनी आखों में भरने वाला, दोबारा
कोई तो होगा
आती जुबां पे लफ़्ज़ों को
मैं दिल में रख घुटता हूँ
अपने अंदाज़ में कहने वाला,
दोबरा कोई तो होगा।

