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Abhishek Pandey

Romance

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Abhishek Pandey

Romance

ख्वाहिशें

ख्वाहिशें

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कुछ पल यु ही बिताने को 

मैं खवाब ऐसे देखता हु

किसी सुहानी शाम को

मैं तुम्हारे सिरहाने बैठा हूँ 


मेरी बातें हैं खत्म होने को 

तुम्हे जाने की जल्दी है 

साथ चलेंगे, भूल जाती हो 

अब मैं भी इसी शहर में रहता हू


करें याद पुरानी बातों को 

छेड़े थे जो तुमने सरगम 

उन पे गीत लिखने को 

मैं आज भी रातों में जगता हू 


कह लेने मुझे दो ज़माने को 

किस्सा तुम्हारी नादानी का 

मुस्कुरा के नज़रें झुकाने को 

मैं आज भी मोहबत्त कहता हूँ।


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