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भाऊराव महंत

Inspirational

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भाऊराव महंत

Inspirational

चाहता हूँ

चाहता हूँ

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नहीं मैं को'ई आसमां चाहता हूँ,

ज़मीं ये मिले बस दुआ चाहता हूँ।


अगर हो दुबारा जन्म जो ज़मीं पर 

वतन मत मिले दूसरा चाहता हूँ।


दुआ से नहीं गर मिले ये धरा तो

बद्दुआ से मिले बद्दुआ चाहता हूँ।


जहाँ राम जन्मे, जहाँ कृष्ण जन्मे 

वहीं जन्म लूँ मैं खुदा चाहता हूँ।


जिसे हो ज़माने में जन्नत की ख्वाहिश 

मिले बस उसे, हो भला चाहता हूँ।


मुबारक हो जन्नत किसी और को अब 

जहन्नुम मिले साथ माँ चाहता हूँ।


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