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Shakuntla Agarwal

Inspirational

4.7  

Shakuntla Agarwal

Inspirational

"गुरु"

"गुरु"

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गुरु जी तेरा ही सिमरन हो,

गुरु जी तेरा ही सिमरन हो,

बिना गुरु कोई कैसे जीते,

तेरे बिन एक पल ना बीते,

हर सांस में धड़कन हो,

गुरु जी तेरा ही सिमरन हो,

मोह माया ने मुझको घेरा,

आंख खुले जब तेरा मेरा,

नहीं ऐसा मेरा जीवन हो,

गुरु जी तेरा ही सिमरन हो,


दीये की तू जोत बना दे,

जल करके आभा फैला दें,

प्रकाशित मेरा जीवन हो,

गुरु जी मेरे तेरा ही सिमरन हो,


राम नाम की नौका दिला दे,

हिचकोलो में मुझें पनाह दे,

इत ऊत ओर न भटकन हों,

गुरु जी मेरे तेरा ही सिमरन हो,


जिव्हा पर बस नाम हो त

ेरा,

याद में बीते हर पल मेरा,

"शकुन" को तेरा ही दर्शन हों,

गुरु जीे तेरा ही सिमरन हो |


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