भाव बन्धुता समता करुणा खो सी गई है कहीं कुंठित मानसिकता बढ़ी निरंतर आज़ादी न रही। भाव बन्धुता समता करुणा खो सी गई है कहीं कुंठित मानसिकता बढ़ी निरंतर आज़ादी न रही।
मेरि हैसियत मेरा वजूद तुझ्से है, और क्या हो सकूँगा सिवा तेरे। मेरि हैसियत मेरा वजूद तुझ्से है, और क्या हो सकूँगा सिवा तेरे।
भाई है भाई का दुश्मन यह कैसी है नादानी थोड़ी सी ख़ुशियों में मानव बन जाते अभिमानी।। भाई है भाई का दुश्मन यह कैसी है नादानी थोड़ी सी ख़ुशियों में मानव बन ...
बिलख रहा है देश आज, कोई अपना खोया है। बिलख रहा है देश आज, कोई अपना खोया है।
मातृ भूमि की आजादी पर गर्व से जीना मरना है। मातृ भूमि की आजादी पर गर्व से जीना मरना है।
अब और प्रतिक्षा मत करना कि "पुलवामा" वो दोहरा दे। अब और प्रतिक्षा मत करना कि "पुलवामा" वो दोहरा दे।