STORYMIRROR

प्रीति शर्मा "पूर्णिमा

Classics Inspirational

4  

प्रीति शर्मा "पूर्णिमा

Classics Inspirational

ख्वाब

ख्वाब

1 min
356

आँखों में सुनहरे "ख्वाब" सजाइये।

जिंदगी में कोई लक्ष्य बनाइये

जागो सपनों को पूरा करना है गर

संकल्प ले खुद से वचन निभाइये।।


जो स्वप्न खुली आँखों से देखते।

पूरा उन्हें जाग करके करते।

संकल्पित कर्मवेदी पर चलकर

लक्ष्य को हासिल वो करके रहते।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics