सद्मार्ग
सद्मार्ग
जरा ध्यान से सुनो
ध्यान मार्ग से जा भीतर
खुद अपने को जान ले
द्वैत भाव हो जाए लोप
तू आत्म को पहचान ले
भक्ति मार्ग से जा बाहर
मना अपना भगवान ले
पूर्ण समर्पण जब होगा
तभी वो तेरा संज्ञान ले
कर्म मार्ग से कटेंगे कर्म
निर्लिप्ति का विज्ञान ले
निष्काम जब होगा तू
मुक्त अपने को मान ले
ज्ञान मार्ग पर चल कर
बुद्धि कर तू सुजान ले
सत्य माया में फर्क से
ब्रह्मज्ञानी सा ज्ञान ले
ध्यान से तू होगा लीन
भक्ति से तेरा मैं मिटेगा
कर्म से आसक्ति लुप्त
ज्ञान से अज्ञान छान ले
योग के यही चार मार्ग
किसी का भी भान ले
जब मन का द्वंद्व खत्म
मंजिल पर तू उड़ान।