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Vanita Saroha

Classics

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Vanita Saroha

Classics

औरत

औरत

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कभी -कभी लगता है

औरत होना एक सजा है।

ना पढे तो अनपढ़ जाहिल है।


और पढ़ ले तो पढ़ाई का घमंड है।

शादी ना करें बदचलन नकचडी है।

और कर ले तो अब आया ऊंट पहाड़ केे नीचे।


सब से मिलकर रहे तो चालाक

मिलकर ना रहेे तो घमंडी।

पढ़ लिख कर घर में रहे तो क्यों

इतने साल और पैसे क्यों खोए ?


कोई नौकरी करो तो 'पर'निकल आए हैं।

नौकरी का घमंड है। 

सहकर्मी से बात करें तो चलता पुर्जा।

और ना करें तो छोटी सोच वाली।

बड़ा लंबा चिट्ठा है साहब !

क्या कहे ? चुप ही रहे।।


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