मजबूत हौसला
मजबूत हौसला
कर मज़बूत इरादे इतने
कुछ करके दिखा ऐसा,
तू दुनिया जैसा नहीं,
दुनिया बनना चाहे तेरे जैसा,
हताश होकर कब तक बैठेगा,
तू असफलता से?
उठ!
खड़ा होकर आगे बढ़,
मज़बूत करके हौसला,
सफलता की तू सीढ़ी चढ़,
असफलता तो आनी है,
आज नही तो कल,
इसका सामना कर हंस के,
और फिर आगे चल,
जीवन तो दो पल का है,
कब खत्म ये क्या खबर!
फल मिलेगा मेहनत का,
पर तू थोड़ा सबर कर,
एक छोटी सी हार को,
क्यो दिल पर लगाए बैठा है,
दुख की इन जंजीरों में,
खुद को जकड़ कर बैठा है,
सफल तो तुझे होना ही है,
यही बनाले तू अपने विचार,
सफल होने से ना रोक सके,
असफलता एक आए या आए हज़ार,
सफल होना सबकी किस्मत में है,
बस है सोचने की देरी,
सिकंदर तो कोई भी पैदा नहीं होता,
मज़बूत होसलों से ही मिले दिलेरी,
लोग क्या कहेंगे तुझको,
तू क्यों फिक्र करता है,
अरे! आंधियों से जूझने में,
भला तू क्यों डरता है?
सूरज सा है ताप तुझमें,
बात ये तू जान ले,
अपने अंदर के तुफान को,
आज तू पहचान ले,
बड़ा बड़ा बोलने वाले,
तुझे हर जगह मिल जाएगें,
पर तू कुछ कर दिखा ऐसा,
कि लोग तुझे भुलना भी चाहे,
पर भुला नहीं पाएंगे।