तेरी चीखों से आनंद ये लेगी, नाटक ही समझेगी तेरा आचार। तेरी चीखों से आनंद ये लेगी, नाटक ही समझेगी तेरा आचार।
जब घर से निकलते हैं तो एक अलग रूप में ढल जाते हैं दोस्तों के सामने कुछ और दुश्मनो जब घर से निकलते हैं तो एक अलग रूप में ढल जाते हैं दोस्तों के सामने कुछ ...
पूरी कायनात पर छा गई है आज हर एक माँ की तरह। पूरी कायनात पर छा गई है आज हर एक माँ की तरह।
मम्मी को जब यह बात बताई, हमको शाबाशी दिलवाई। मम्मी को जब यह बात बताई, हमको शाबाशी दिलवाई।
शायर बहुत हैं मगर जो दर्द बयां कर सके शायर वो प्रेम को देखा मैनें। शायर बहुत हैं मगर जो दर्द बयां कर सके शायर वो प्रेम को देखा मैनें।
लोकतंत्र को राजतंत्र में बदलने में कामयाब हो गया होता है या हो रहा होता है। लोकतंत्र को राजतंत्र में बदलने में कामयाब हो गया होता है या हो रहा होत...