उस एक दिन
उस एक दिन
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एक दिन की बात है,
छोटी सी मुलाकात है,
हम बच्चे कुछ सोच रहे थे,
और स्कूल से लौट रहे थे,
हम रिक्शे में थे सवार,
हमें होमवर्क का था बुखार,
रिक्शा रुकी बीच बाजार,
एक अम्मा आई हमारे पास,
कबसे कर रही थी इंतजार,
घर जाने को थी बेकरार,
उन्होंने हमसे की चतुराई,
रिक्शा में अपनी जगह बनाई,
पर हम भी थे बड़े चालक,
ना बताई थी घर की कोई बात,
अपने घर पहुंचा कर उनको,
हम भी लौट आए थे घर को,
मम्मी को जब यह बात बताई,
हमको शाबाशी दिलवाई।