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Abishake mandhania

Romance Classics

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Abishake mandhania

Romance Classics

कच्ची उम्र का प्यार

कच्ची उम्र का प्यार

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कभी स्कूल जाना

भी अच्छा लगता था

उसकी यादों का

ख्वाब सा जगता था


वह कच्ची उम्र का

मेरा पहला प्यार था

उसे देखने के लिए

दिल रहता बेकरार था


जिसे देखकर मैं अपनी

 पढ़ाई से भटक गया

मेरा दिल आकर उस

लड़की पर अटक गया


उसके दिल में मेरे बारे

में जानना चाहता था

अपने दिल का हाल

उसे बताना चाहता था


इतने में बोर्ड की परीक्षा

का समय नजदीक आ गया

उसे खोने का डर मेरे दिल

में अंधेरा बनकर छा गया


पेपर परीक्षा से पहले उसे

अपने दिल का हाल बता दिया

उसके लिए अपने दिल का

प्यार मैंने उसको जता दिया


थोड़े दिनों में परीक्षा का

समय भी बीत गया

आखिरी दिन में उसकी

हां से मेरा प्यार जीत गया।


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