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Abishake mandhania

Classics Inspirational

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Abishake mandhania

Classics Inspirational

तेरे हिस्से की मिट्टी

तेरे हिस्से की मिट्टी

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ए वतन मेरे वतन तेरे नाम से

ही जीये तेरे नाम से ही मर जाए

ए वतन तेरी सलामती के लिए 

अपने प्राण न्यौछावर कर जाए


देकर प्राणों का बलिदान तेरी 

गोदी में सिर रखकर सो जाए

खाकर गोलियां सीने पर तेरी

रक्षा करते करते शहीद हो जाए


तुम पर कभी कोई आच ना देगे

तेरे हिस्से की एक मुठ्ठी मिट्टी भी

किसी को लेकर जाने ना देंगे


ना जाने कितने वीरों ने अपने खुन

बहाकर तेरे नाम को है चमकाया

जब तक प्राण है तब तक तेरे आस 

पास भटक ना पाएगा खतरे का साया


वीर सपूतों ने देकर अपने प्राणों की 

आहुति दुश्मन को मैदान से था भगाया

भगत सिंह जैसे देश भगतों ने तेरे लिए

मौत को हसकर अपने गले से था लगाया


हम कभी भी अपने किसी गलती से तेरा 

सिर किसी के सामने झुकने ना देगे

तेरे हिस्से की एक मुठ्ठी मिट्टी भी

किसी को लेकर जाने ना देगे


सुर्य चंद्र वायु अग्नि जल पर्बत जब 

तक रहेगे दुनिया के इतिहास में

देख कर तुझ पर आता हुआ खतरा 

देखकर डट जाएगे मौत के लिबास में


हम बिना रुके चलते रहेगे बिना झुके

अपने निर्धारित लक्ष्य की ओर

हम जैसे मौत के दिवानो को रोक नहीं

सकता हैं यह गोलियों का मामुली शोर


अगर तुम्हे बचाने के लिए मौत मिले 

तो उसे भी हसकर गले लगा लेगे

तेरे हिस्से की एक मुठ्ठी मिट्टी भी

किसी को लेकर जाने ना देंगे।


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