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Abishake mandhania

Classics

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Abishake mandhania

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बसंत ऋतु

बसंत ऋतु

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मेघ में छाईं काली घटा से 

बरसने वाली बूदें से मिट्टी 

की खुशबू महकती है 


सुबह सुबह वो गाँव में 

सूर्योदय का नजारा जब

चिड़ियों की आवाज चारों

तरफ चहकती है


मौसम ने भी आज अलग

सी अंगड़ाई खाई है


चारों तरफ सिर्फ हरियाली

 ही हरियाली छाई है


सारी कुदरत रंग बिरगे फूलों

 से आज नहलाई है


हर कोई खुश हो गया जब

 से वसंत ऋतु।


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