तुम्हारे प्यार की बातें
तुम्हारे प्यार की बातें
मुहब्बत के दिनों का हर फसाना याद आता है।
मिलोगे लौटकर फिर से इशारा याद आता है॥
दिखीं गलियाँ सभी सूनी जहाँ दिन रात थे बीते।
जहाँ होता मिलन अपना इलाका याद आता है॥
तुम्हारे प्यार की बातें सुकूँ देती हमेशा थी।
तड़पते रूह को प्यारा दिलाशा याद आता है॥
तुम्हीं से रात दिन मेरे सदा गुलजार होते थे।
हमारा साथ मिलकर गीत गाना याद आता है॥
जहाँ से छुप-छुपाकर देखती थी तुम मुझे हमदम।
तुम्हारे द्वार का गुमसुम झरोखा याद आता है॥