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Phool Singh

Romance

4  

Phool Singh

Romance

याद आने लगे

याद आने लगे

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भूल चुके हैं जिनको हम 

याद फिर से आने लगे 

संग थे तो सदा दर्द ही देते 

फिर मर्म अपना दोहरने लगे।।


भूलने की जितनी कोशिश करते 

और ज्यादा सताने लगे 

लुपी छिपी सी बाते सभी 

फिर से क्यूँ उखाड़ने लगे।।


कितना मुश्किल होता भूलना 

आसान इसको क्यूँ लोग कहें 

दिल दिमाग पर छा चुका जो 

याद में उनकी दिन रात कटे।।


कहते थे प्रेम है तुमसे 

सपने मन में हजार बुने 

झटके से दिल तोड़ के बोले 

गलती से हम दोस्त बने।।


ठंडी हवाएँ भी लू लगे जब 

अपने हम को छोड़ चलें 

भूलने की जब जब कोशिश करते 

याद और ज्यादा आने लगे।।


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