करीब हो मगर
करीब हो मगर
करीब हो मगर पास नहीं
इसमे बड़ी कोई बात नहीं
दिल में तेरी यादें हरदम
साथ नहीं तो याद सही।।
दरमियाँ अपने बीच ना आए
प्रेम की ये सौग़ात सही
दूर सही पर करीब तो हो
घबराने की कोई बात नहीं।।
तुम सोचो और हम ना करें
ऐसी जग में कोई बात नहीं
सितारे तोड़ने की बात ना करते
औकात में हो वही बात सही।।
हूर की परी जो हमकों मिली
नसीब किसी का ऐसा नहीं
पलके झुकाए तो लज्जा टपके
हया की मूरत तुमसी नहीं।।
कभी सुनों ना दिल की धड़कन
समीप बैठों हमारे कभी
करीब हो मगर पास नहीं
तुम नहीं तो तेरी याद सही।।