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Sumit. Malhotra

Abstract

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Sumit. Malhotra

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तुम्हें ही ऐसा क्यों लगता है।

तुम्हें ही ऐसा क्यों लगता है।

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तुम्हें ही ऐसा क्यों लगता है, 

हमें सिर्फ़ तुमसे ही प्यार है। 


सुन हम जिससे प्यार करते, 

जग में सबसे ज़्यादा हसीन। 


तुम्हें गलतफ़हमी हो गई है, 

जो लगा सही पर सही नहीं। 


दूर रहना हमसे ज़रा हमेशा, 

तुम जैसे हमें पसंद ही नहीं। 


तुम्हें ही ऐसा क्यों लगता है, 

प्यार तुमसे करते सच्चा ही। 


प्यार की पूजा भी करनी है, 

परंतु प्यार उनसे करना हमें।


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