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Sarita Tripathi

Abstract Inspirational

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Sarita Tripathi

Abstract Inspirational

तुम बिन

तुम बिन

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तुम बिन जीवन आधार कहाँ 

तुम बिन बाहों का हार कहाँ 

जिसदिन छोड़ गयी मुझको 

उस दिन से है घर द्वार कहाँ 


है जन्म मृत्यु तुझसे मिलता 

तुझसे देखी सबकी ममता 

तुमने कैसे चाहा जग को 

वह पूर्व कर्म की है क्षमता 


जब आयी धरा पर सब रोये 

खुशियों से आँचल भिगोये 

अब आज उड़ी होकर बेफिक्र 

दुःख का देखो चक्षु धार बहे 


यह आना जाना ताना बाना 

इसको जितने जल्दी माना

उतने जल्दी प्रभु भान प्रिये 

कंठी माला नाम जपना गाना 



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