माता-पिता, एक अनमोल धरोहर
माता-पिता, एक अनमोल धरोहर
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कितने ही नाजो से पाला है मुझको,
हर पल गिरने से संभाला है मुझको
मेरी हर ख्वाहिश को पूरा किया है,
मुस्कुरा कर मेरा हर गम लिया है
खुशियों से मेरा हर पल भरा है,
आत्मविश्वास हमेशा मुझको दिया है
हर परेशानी को सुलझाया है मेरी,
हर गलती होने पर समझाया है मुझको
हर पल रेहना यूं ही साथ मेरे,
क्योंकि आपसे ही जुड़े हैं सब जज़्बात मेरे
शुक्रगुजार हूँ मैं उस भगवान की,
जिसने जन्मा है मुझको पास आपके
दुआ है मेरी हर पल ये ही,
कि मिलो आप मुझको हर जन्म
प्यार जो इतना करते हो मुझको,
होंगे जरूर मेरे कुछ अच्छे कर्म।