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Pooja Kapoor Ahuja

Drama

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Pooja Kapoor Ahuja

Drama

आज़ादी

आज़ादी

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आज़ादी के उन पन्नो में कुछ तो राज़ था

जो छिपा आज भी कहीं

वो बेअल्फ़ाज़ था

झंडा तो उसने भी लहराया था कहीं


शायद वो सबके सामने अपनी बात रख नहीं पाया था

घूमा तो वो भी था उन सुंसान गलियों में

जब गोला बारूद अंग्रेज़ो ने चलाया था

कोशिश तो उसने भी की थी

हमें आज़ादी दिलाने की

जब उस अंग्रेज़ी हुकूमत को धक्का उसने लगाया था


कितना प्यार करता था अपने देश से

ये किसी से कह नहीं पाया था

खोया तो उसने भी था अपने घरवालों को

रोया वो भी बहुत था ये आज़ादी पाने को

पर वो बेज़ुबाँ था ना साहब

शायद इसलिए अपना दर्द किसी से बाँट नहीं पाया था।


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