जिंदगी के बाद भी
जिंदगी के बाद भी
इस खूबसूरत जिंदगी के बाद भी
मैं मिलूँगी तुम्हे उन हसीं वादियों में
उन बारिश की बूंदों में
मै मिलूँगी तुम्हे उस ढलती शाम में
पकड़ूँगी तुम्हारा हाथ मैं
वो ठंडी शीतल हवाएँ बनकर
सर्दी में एहसास होगा मेरा तुम्हें
चेहरे पर उस नर्म धूप का
जब ढूँडोगे मुझे कहीं
मिलूँगी मैं उन पेड़ों के बीच ही
जिसके नीचे हम बैठा करते थे
इन पलों की यादें बनकर
जो हो कोई संदेह तुम्हे
तो देखना मेरी तस्वीर को
मुस्कुराते हुए मिलूँगी तुम्हें
उस उदासी भरी शाम में
हँस पड़ोगे याद करके मुझे
और मेरी उन बातों को
जिंदगी के बाद भी
रहूँगी परछाई बन कर
हमेशा तुम्हारे साथ ही।