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Pooja Kapoor Ahuja

Abstract

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Pooja Kapoor Ahuja

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पैसे की माया

पैसे की माया

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पैसे की ये माया है

ये कौन छुपा पाया है

रिश्ते नाते उलझ गए

पैसों से ये सुलझ गए


मेरा पैसा तेरा पैसा

लड़ते लड़ते कहते रहे

न है भाई, न है बहना

पैसों में सब झुलस रहे


मोल भाव अब औलादें

माता पिता का करने लगी

मेरा पैसा तेरी माँ है

सोच के अब सब चलने लगे


पैसा पैसा पैसा ही तो

बस पाने को आया है

इंसान कौन है कौन है वानर

न अब कोई समझे है


पैसा है तो भाई है तू

पैसा नहीं तो जाने कौन

पता नहीं क्यों समझे न बंदे

पैसा होता हाथ का मैल

जग से जब जाएगा तब

पैसे का न होगा मोल

पैसे की ये माया है

ये कौन समझ पाया है। 


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