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Pooja Kapoor Ahuja

Abstract

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Pooja Kapoor Ahuja

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अब हम बड़े हो गए हैं

अब हम बड़े हो गए हैं

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कर लेते थे मनमानियां जब बच्चे हुआ करते थे

अब तो हंसने और रोने से पहले भी सोचना पड़ता है


खुद के मन को मार कर अब

दूसरों के लिए जीना पड़ता है


खुद को अब खुद ही समझाकर

खुद से लड़ना पड़ता है


सब खुश हों ये सोचकर

कभी कभी खुद को रोना पड़ता है।


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