अब डटकर लड़ना होगा !
अब डटकर लड़ना होगा !
गदा तीर तलवार उठा लो
अब डटकर लड़ना होगा
बहुत पढ़े हम पाठ प्रेम का
अब प्रतिशोध पढ़ना होगा।।
बहन बेटियों की आबरू
कब तक हम गंवाएंगे
हाथ सिरहाने रख कर यूं ही
कब तक सोते जाएंगे।
उठो चलो संग्राम करो
अब प्रहार करना होगा
गदा तीर तलवार उठा लो
अब डटकर लड़ना होगा।।
नीच निराधम असुरों की
ऐसे मन बढ़ते जाएगी
कभी बेटियां तेरी तो
बहनें बली चढ़ती जाएगी।
कर दो नाश निशाचर का
दूजा न कोई पैदा होगा
गदा तीर तलवार उठा लो
अब डटकर लड़ना होगा।।
दरबार यहां अंधों का है
क्या ? रक्त हमारा देखेगा !
प्रलय ला दो प्रचंड बनकर
कि रोष वक्त भी देखेगा।।
खाल खींच ले क़ातिल का
ये बल सब में भरना होगा
गदा तीर तलवार उठा लो
अब डटकर लड़ना होगा।।