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Ishwar kumar Sahu

Abstract

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Ishwar kumar Sahu

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मेरा प्यारा भारत

मेरा प्यारा भारत

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मेरा प्यारा भारत,

जिनकी बढ़ी है शोहरत,

जहां कोयला,लोहा, तांबा,

हीरे मोती, सोने की खान है,

ऐसा प्यारा मेरा हिन्दुस्तान है,


जहां विविधता में एकता,

इनकी अनुपम पहचान है,

ऋषि मुनि की तपो भूमि,

दिशा दिखाती चाणक्य का ज्ञान है,


संस्कृति का दृश्य विहंगम,

गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम,

उत्तर में शोभित हिमालय,

जिनके सर की ताज है,


रैदास का की पवित्र वचन,

मन है चंगा तो कठौती में गंगा,

घर घर फहरा रहे है तिरंगा,

पड़ोसी देश पाकिस्तान,श्रीलंका,

अर्थ तंत्र से जूझ रहा हो,


भारत का पूरे विश्व में बज रही है डंका,

अब वो दिन दूर नही जब,

भारत का परचम लहराएगा,

अब फिर से भारत सोने का चिड़िया कहलाएगा।


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