गुरु महिमा
गुरु महिमा
हे गुरुवर आपकी महिमा है अपरम्पार,
आपको हम करते हैं शत शत नमन बारंबार।
फंसी थी मेरी नैय्या बीच मजधार ,
आपने ही किया मेरा उद्धार।
सत का मार्ग आपने ही दिखलाया है,
क्या है गलत, क्या है सही,
आपने ही बतलाया है।
आपको हम करते हैं शत शत
नमन बारम्बार.................
था मेरे जीवन में अंधियारा,
प्रकाश बनकर आया है।
मैं था अबोध अज्ञानी,
ज्ञान का प्रकाश फैलाया है।
आपको हम करते हैं शत शत
नमन बारम्बार................
गीली मिट्टी सा था,
आकार देकर मूल्यवान बनाया है।
जो भी मिला नेह था आपका,
आपके कृपा से ही सब कुछ पाया है।
आपको हम करते हैं शत शत
नमन बारम्बार................
मां प्रथम गुरु, आंगन में दौड़ाया है,
पिता ने दुनिया की राह पर चलना सिखाया है।
सबसे ऊंचा स्थान आपका है गुरूवर,
जीवन सार देकर मनुष्य बनाया है।
आपके कृपा से जीवन हुआ है आबाद,
हे गुरुवर आपको कोटि कोटि धन्यवाद।