STORYMIRROR

Ishwar kumar Sahu

Others

4  

Ishwar kumar Sahu

Others

एक शाम शहीदों के नाम"*******

एक शाम शहीदों के नाम"*******

1 min
293

एक शाम,

शहीदों के नाम,

चारों पहर,

आठों याम,

जो सरहद पर,

डटे हुए हैं,

उन्हें कहां आराम।

वतन के खातिर ,

जो खुद को करे नीलाम,

आओ उन्हें करे,

शत शत प्रणाम।

जिसने घर छोड़ा,

और छोड़ा परिवार,

हो चैन अमन,

बांध सर पर कफ़न,

बना है सीमा पर,

सजग पहरेदार।

सीमा पार जब,

हो हलचल,

जो दुश्मनों पर,

नजर रखे हो पल पल,

ना डरे बन निर्भीक,

खड़े हैं सीना तान,

दुश्मनों को कर दफन,

बढ़ाया है भारत का मान।

देश हो आजाद,

हंसते हंसते,

फांसी पर झूल गए,

याद रखा वतन को,

बाकी सब भूल गए,

गांधी, भगत सिंह, सुभाष, चंद्रशेखर,

सीने पर गोली खाई है,

तब कहीं जाकर ये देश,

आज़ादी पाई है।

आज़ादी की 75वी,

वर्षगांठ मना रहें है

आज़ादी के इस अमृत काल में,

घर घर तिंरगा फहरा रहे हैं।

आओ बड़े उल्लास से,

आज़ादी का पर्व मनाएं

शहीदों को कर याद,

श्रद्धा सुमन चढ़ाएं।

     


Rate this content
Log in